कृ॒ण्वन्तो॒ विश्व॒मार्य॑म्

कृ॒ण्वन्तो॒ विश्व॒मार्य॑म्

कृ॒ण्वन्तो॒ विश्व॒मार्य॑म्

कृ॒ण्वन्तो॒ विश्व॒मार्य॑म्

“कृ॒ण्वन्तो॒ विश्व॒मार्य॑म्” या “वेदों के संदेश को पूरे विश्व में फैलाना” आर्य समाज का मुख्य उद्देश्य है। हम इसमें विश्वास करते हैं क्योंकि यह व्यक्ति, परिवार, समाज और पूरे विश्व के उत्थान का मार्ग है। यह मार्ग तर्कसंगत, न्यायसंगत, निष्पक्ष और टिकाऊ है l यह न केवल सभी मनुष्यों के लिए, बल्कि प्रकृति के लिए भी उचित है। यह सभी जीव, वनस्पति और प्राकृतिक प्रणालियों की रक्षा करता है ।

डिजिटलीकरण की इस परियोजना का उद्देश्य डिजिटल रूप से वैदिक संदेश का प्रचार -प्रसार और वैदिक जीवन शैली में लोगों की भागीदारी को सक्षम करना है l इसका उद्देश्य विश्व भर की वैदिक संस्थाओं के प्रबंधन को एवं उनके द्वारा सदस्यों एवं जन साधारण से हो रहे व्यवहार को और अधिक व्यवस्थित एवं प्रभावशाली करना है।

इस साइट का उद्देश्य आपको डिजिटलीकरण की इस परियोजना से परिचित कराना है। साथ में समान विचारधारा वाले व्यक्तियों और संस्थानों को डिजिटलीकरण की इस यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करना भी है।

हमारा मानना ​​है कि डिजिटलीकरण द्वारा जीवन को बेहतर बनाने की अपार सम्भावना है। इससे वैदिक संदेश का प्रभाव विश्व स्तर पर लोगों तक पहुंचेगा। साथ में, इससे उन सभी के जीवन में भी सकारात्मक परिवर्तन आएंगे जो इस यात्रा में सहयात्री बनकर हमारे साथ चल रहे हैं ।

आप सभी को निमंत्रण है कि डिजिटलीकरण के इस प्रकल्प को समझें। यदि आप इसके उद्देश्यों से सहमत हैं, तो हम आपको इससे जुडने, अपना सहयोग देने और भागीदारी निभाने का भी निमंत्रण देते हैं।

आप निम्नलिखित तरीकों से योगदान कर सकते हैं, अथवा अपनी भागीदारी निभा सकते हैं :-

  1. इस परियोजना के लिए अपना समय समर्पित करें। यहाँ आप वैतनिक और अवैतनिक – दोनों तरह से कार्य कर सकते हैं । हमें इस कार्य में विभिन्न तरह के कौशल की आवश्यकता है, जिसका विवरण इस साइट पर दिया गया है। अगर आपमें उन मे से कोई भी कौशल है अथवा उस कार्य में रुचि हैं तो आप अपना फार्म भरें। आप घर से और पार्ट टाइम काम कर सकते हैं। हमें इस परियोजना में लेखन और अनुवाद , डिज़ाइनिंग, ऑफिस कार्य या प्रबंधन और व्यवस्थापन, एवं सॉफ्टवेयर या आईटी जैसे विषयों में कौशल की आवश्यकता है।
  2. हमे ऐसे अनेक वैदिक डिजिटल प्रकल्पों का पता चल रहा है जिन्हें उत्साही आर्यों ने विशेष श्रम से शुरू किया हैं । हम ऐसे सभी महानुभावों को आमंत्रित करते हैं कि अपने अपने प्रकल्पों को इस केन्द्रीय डिजिटल प्रकल्प से जोड़ देवें । इससे हम सभी संगठित होंगे, और अलग अलग प्रकल्पों का प्रभाव भी बढ़ेगा । – प्रौद्योगिकी साझेदारी
  3. यदि आप किसी वैदिक संस्थान (जैसे, आर्यसमाज, गुरुकुल, आश्रम, स्कूल) का प्रबंधन कर रहे हैं, तो आप अपने संगठन को भी इस प्रकल्प से जोड़ सकते हैं । आपकी संस्थान को भी डिजिटलीकरण का लाभ मिलेगा । – वैदिक संस्थानों की भागीदारी
  4. हम इसे सर्वहित के लिए विकसित कर रहे हैं। यह एक व्यावसायिक उद्यम नहीं है और, इस परियोजना के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है। आप उसमें योगदान दे सकते हैं। – दान
  5. इस परियोजना के साथ जुड़े रहने के लिए आप एक शुभचिंतक के रूप में शामिल हो सकते हैं। आपको इस योजना की नियमित जानकारी मिलती रहेगी। अगर आप शुभ चिंतक के रूप में भी जुड़े रहेंगे तो संभवतः आज नहीं तो कल, आप इसमे कोई न कोई योगदान दे सकते हैं अथवा भूमिका निभा सकते हैं। – सदस्यता / शुभचिंतक / स्वयंसेवक   के रूप में शामिल होने के लिए लिंक पर क्लिक करे।